प्रेरणादायक कहानियाँ
....................रुक जाना नहीं................
किसी राजा को उपहार में बाज पक्षी के दो शावक किसी ने दिए। नन्हें और कमज़ोर । राजा ने उनकी देखभाल के लिए एक पक्षी विशेषज्ञ नियुक्त कर दिया । दिन गुजरते गए। एक दिन राजा ने उन बाज पक्षियों की उड़ान देखने की इच्छा प्रकट की। सब लोग महल के बाहर एकत्र हो गए । वे नन्हें शावक अब बड़े और सुंदर बाज पक्षी के रूप में विकसित हो गए थे । चमकीले बाल और आँखें , पैनी चोंच। मज़बूत पंख फड़फडाते वे शानदार लग रहे थे।
राजा की आज्ञा पाते ही पक्षी उड़ाए गए ।पर यह क्या , एक पक्षी तो झट उड़ चला ,सबके सिर पर उसने एक चक्कर काटा और आकाश में उड़ान भरने लगा। पर दूसरा पक्षी उड़ते ही पास के पेड़ की एक डाल पर जा बैठा। लोगों ने बहुत कोशिश की। ताली बजाई, शोर मचाया.....पर बाज न उड़ा। पक्षी विशेषज्ञ ने कहा कि रोज़ ऐसा ही होता है, ये एक पक्षी उड़ना ही नहीं चाहता ।
वहाँ खड़े लोगों में शामिल एक किसान ने आव देखा न ताव, झट पेड़ पर चढ़ गया। कुल्हाड़ी से उस डाल को काटने लगा जिस पर बाज बैठा था। डाला कटते ही
पक्षी उड़ा , सबके ऊपर चक्कर लगाया और अपने साथी के साथ आकाश में उड़ने लगा।
साथियो हम में से बहुत से लोग ऐसा ही करते हैं। जहाँ हैं ,जैसे हैं , जो कर रहे हैं उसको ही जीवन की सफलता मान कर आराम से बैठ जाते हैं। जबकि सफलता का आकाश तो अनन्त है । प्रयास , अभ्यास , लगन और जी तोड़ मेहनत के परिणाम सदा सार्थक होते हैं।
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