मेरी - तेरी- जग की बात ☺☺
"आधुनिक गुरु और शिष्य "
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प्रश्नोत्तर चल रहे थे गुरु अपने शिष्यों की जिज्ञासा का समाधान कर रहे थे ।
एक चतुर शिष्य ने पूछा..
शिष्य -- गुरु जी ! यह सुख क्या है जिसके लिए मनुष्य भाग रहा है ?
गुरुजी-- वर्तमान परिपेक्ष में देखा जाए तो यदि तुमने अपने मोबाइल को चार्जिंग पर लगाया है और 5 मिनट बाद ही वह शो करें कि 80 परसेंट बैटरी चार्ज हो गई है तो यही सुख है। 2 -- 5 मिनट में मोबाइल की 80 परसेंट बैटरी चार्ज देखकर वही सुख मिलता है जो किसी मां को मिलता होगा जब अपने नन्हे से शिशु को समय से पहले ही बैठते - दौड़ते - भागते -खेलते देखती होगी ।
इससे बड़ा कोई सुख मानव जीवन में उपलब्ध नहीं है ।
शिष्य -- गुरु जी ! कृपया यह भी बता दें कि दुख क्या है ?
गुरुजी --अगर आप अपने मोबाइल को 8 घंटे से चार्जिंग पर लगा रखा है लेकिन वह यह शो करें कि बैटरी केवल 5 परसेंट चार्ज हुई है तो इस समय घनीभूत दुख आपको होगा ।
इससे भी बढ़कर एक परम कोटि का दुख भी होता है । यह तब होता है जब मोबाइल चार्जिंग पर लगाएं और 8 घंटे बाद देखें बैटरी तो दो परसेंट ही चार्ज हुई है , क्योंकि मोबाइल को चार्जिंग पर लगा कर बिजली का स्विच ऑन करना तो आप भूल ही गए थे ।
तो पुत्र यह एकदम परम कोटि का दुख है ।
शिष्य --धन्य है गुरु जी आप । धन्य हैं हम भी जो आप जैसे गुरु मिले।
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