मुलाकात एक न्यूरो फिजिशियन से
पिछले महीने की बात है , भयानक सिर दर्द से पीड़ित थी । कुछ समझ नहीं आ रहा था , दर्द होता तो तड़पने लगती थी । जबकि कभी ऐसा दर्द हुआ ही नहीं । दो-तीन दिन तो हर हिंदुस्तानी की तरह डिस्प्रिन , पेरासिटामोल वगैरह खाते रहे फिर गए दिखाने अस्पताल में , न्यूरो फिजिशियन को।
सीटी करवाया गया और जब उसकी रिपोर्ट लेकर डॉक्टर के पास पहुंची तो जरा देखिए बानगी ........
मेरी और डॉक्टर की मुलाकात
मैं - नमस्कार सर ।
डाक्टर - हां जी, बताएं क्या हुआ ।
मैं - डॉक्टर साहब, मैं अभी थोड़ी देर पहले आई थी ना, बहुत सिर दर्द होता है, जैसे कोई हथौड़ी से कील ठोक रहा हो दिमाग में । आपने ही तो कहा था सीटी करा लाने के लिए ।
डॉक्टर - (सीटी की फिल्म लाइट की तरफ घुमाई )
डॉक्टर साहब - ठीक लग रहा है ।
मैं - सर दर्द बहुत होता है।
डॉक्टर साहब ने फिल्म टेबल पर छोड़ दी ,मेरी और घूमे और बोले ,कब से हो रहा है यह दर्द?
मैं - 10 दिन हो गए ।
डाक्टर -पहले कब हुआ था ।
मैं - ऐसा तो कभी नहीं हुआ , मामूली सा होता था ।
डाक्टर - देखिए जो पहले नहीं होता था वह अब नहीं होगा ,ऐसे नहीं हो सकता ।
मैं - फिर क्या हो सकता है?
डॉक्टर - जो कल था वह आज नहीं है ,जो आज है वह कल नहीं होगा । हमारा शरीर भी ऐसा ही है। जैसा कल तक था वह आज नहीं है और जैसा आज है वैसा कल नहीं होगा। जैसा मेरा शरीर है वैसा आपका नहीं है और जैसा आपका है वैसा मेरा नहीं है ।
अब मेरा सिर चकराने लगा । मैंने सोचा कहीं कोई भयानक बीमारी तो नहीं हो गई जो इतना घुमा फिरा कर बात कर रहे हैं ।
मैं - इस सीटी से कुछ नहीं पता चला ।
डॉक्टर ने सीटी फिल्म को उठाया और टेबल पर मेरी तरफ खिसका दिया , बोले देखिए जो दवा खा रही हैं वही खाती रहिए ।कुछ फायदा हो ही जाएगा ।और चेहरे पर एकदम निर्विकार संत का भाव लाकर क्लीनिक की छत को देखने लगे । मेरे पास कोई चारा नहीं था कि अपने सीटी फिल्म , प्रिसक्रिप्शन और अपना सिर दर्द लेकर बाहर निकल लिया जाए । फिर भी चलते चलते डॉक्टर साहब से पूछा, यह सीटी की रिपोर्ट तो ठीक है ना ?
डॉक्टर साहब ने केवल सर हिलाया, ऊपर से नीचे ,एक बार बस ।
अब आप ही बताएं ,कहां जाएं ? किसे बताएं हाले सिरदर्द ।।
*********************************************
Comments
Post a Comment